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mughal samrat | मुगल वंश | mughal vansh in hindi

आर्टिकल mughal vansh को शुरू करते हुए दो शब्द :

इस आर्टिकल में आप मुगल वंश की स्थापना ,बाबर ,हुमायूँ,पानीपत का युद्ध ,शेरशाह सूरी,अकबर,जहाँगीर,शाहजहाँ,औरंगजेब,एवं अन्य मुग़ल शासक एवं उनके शासनकाल के बारे में पढ़ेंगे 

अगर आपको हमारा प्रयास पसंद आता है तो आप इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर अवश्य कीजिएगा

मुगल वंश की स्थापना

  • मुग़ल वंश का संस्थापक बाबर था। बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध (1526 ई.) में इब्राहिम लोदी को पराजित कर भारत में मुग़ल वंश की स्थापना की थी।इस युध्द में बाबर ने अपनी प्रसिध्द तुलगुमा नीति (तुलगुमा नीति- तुलगुमा के अंतर्गत सेनायें तीन ओर से आक्रमण करती है)और तोप खाने का प्रयोग किया

बाबर ने निम्न 4 युद्ध भारत में लड़े

1.पानीपत का युद्ध (1526 ई.) 

इब्राहीम लोदी के साथ लड़ा, इसी युद्ध में विजयी होकर बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना की।

2.खानवा का युद्ध (1527 ई.) 

मेवाड़ के राणा साँगा (संग्राम सिंह) के साथ लड़ा। सर्वप्रथम इसी युद्ध को बाबर ने जिहाद घोषित किया तथा गाजी की उपाधि धारण की।

3.चंदेरी का युद्ध (1528)

मेदिनी राय के साथ लड़ा था। इस युद्ध को भी बाबर ने जिहाद घोषित किया तथा गाजी की उपाधि धारण की।

4.घाघरा का युद्ध (1529)

महमूद लोदी तथा शेर खाँ (शेरशाह सुरी) को पराजित किया।

बाबर (1526-1530 ई.)

  • बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 को फरगना मे हुआ था
  • बाबर चगताई तुर्क था, अपने पिता उमर शेख की ओर से बाबर तैमूर का वंशज था और अपनी माँ कुतलग निगार खानुम (कुतलग निशा) की ओर से चंगेज खाँ का वंशज था
  • 11 वर्ष की उम्र में 1494 ई. में बाबर फरगना का शासक बना
  • 1508 में बाबर ने कंधार पर विजय प्राप्त की यही पर बाबर के पुत्र हुमायूँ का जन्म हुआ
  • बाबर ने तुर्की भाषा में तुजूक-ए-बाबरी (आत्मकथा) की रचना की जिसका फारसी अनुवाद बाद में अब्दुल रहीम खान-ए-खाना ने किया। 
  • बाबर मुबईयान नामक पद्य-शैली का जन्मदाता है।
  • बाबर का भारत के विरुद्ध पहला आक्रमण युसूफजाईयों के खिलाफ 1519 ई० में हुआ
  • बाबर भारत खैबर दर्रे से होकर आया था 
  • बाबर को उसकी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि दी गई तथा 
  • बाबर ने खानवा युद्ध में विजय के पश्चात गाजी की उपाधि धारण की। 
  • बाबर ने 1507 ई० में अपने पूर्वजों द्वारा धारित उपाधि मिर्जा को छोड़कर पादशाह की उपाधि धारण की
  • बाबर के चार पुत्रों हुमायूँ, कामरान, अस्करी एवं हिन्दाल में से, अपनी मृत्यु के समय हुमायूँ को बाबर ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। 
  • 26 दिसंबर 1530 ई० को बाबर की मृत्यु आगरा में हुई। आरंभ में आगरा के आरामबाग में एवं बाद में काबुल में उसकी ख्वाहिश के अनुसार उसे दफनाया गया।
  • गुलबदन बेगम बाबर की पुत्री थी, उसने हुमायूँनामा की रचना की, जिसमे आधे हिस्से में हुमायूँ का व आधे हिस्से में बाबर का वर्णन मिलता है 

हुमायूँ (1530-1556 ई.)

  • हुमायूँ बाबर का सबसे बड़ा पुत्र था। 
  • हुमायूँ ने दिल्ली में दीनपनाह को अपनी दूसरी राजधानी बनाया।
  • शेरशाह सूरी ने हुमायूँ के साथ दो लड़ाइयाँ लड़ीं -एक चौसा की लड़ाई (1539 ई.) और दूसरी कन्नौज की लड़ाई (1540 ई.) जिसमें हुमायूँ की हार हुई।
  • हुमायूँ ने निर्वासन में 15 वर्ष बिताये।हुमायूँ के निर्वासन काल में ही 1542 ई. में अमरकोट में अकबर का जन्म हुआ।
  • 1555 ई. में “मक्शीवाड़ा एवं सरहिंद के युद्ध” में हुमायूँ ने अपना खोया साम्राज्य वापस प्राप्त कर लिया। 
  • हुमायूँ की मृत्यु 1556 ई. में पुस्तकालय भवन की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुई।
  • हुमायूँ की सौतेली बहन गुलबदन बेगम ने हुमायूँनामा लिखा।

शेरशाह सूरी (1540- 1545 ई.)

  • शेरशाह का असली नाम फरीद खां था, शेरशाह के पिता हसन खां सासाराम के जमींदार थे।
  • 1540 ई. में कन्नौज के युद्ध में विजयी होने के बाद फरीद खां ने शेरशाह की उपाधि धारण की।
  • शेरशाह ने पुराने सिक्कों की जगह शुद्ध सोने-चाँदी के सिक्के जारी किये।
  • शेरशाह ने “जब्ती प्रणाली” लागू की, जिसके अंतर्गत लगान का निर्धारण भूमि की माप के आधार पर किया जाता था।
  • शेरशाह ने रुपया का प्रचलन शुरू किया, जो 178 ग्रेन चाँदी का होता था।
  • शेरशाह ने दिल्ली में पुराने किले का निर्माण करवाया। पुराने किले के अंदर “किला-ए-कुहना मस्जिद” का निर्माण भी करवाया।
  • शेरशाह के शासनकाल में मलिक मुहम्मद जायसी ने “पद्मावत” की रचना की।
  • शेरशाह ने “सड़क-ए-आजम” (ग्राण्ड-ट्रक-रोड) का निर्माण करवाया, जो सोनारगाँव से पेशावर तक जाती थी।
  • कालिंजर विजय अभियान के दौरान शेरशाह की मृत्यु तोप फटने से हो गयी
  • शेरशाह का मकबरा सासाराम में स्थित है।

अकबर (1556- 1605 ई.)

  • अबुल-फतह जलाल-उद-दीन मुहम्मद अकबर को अकबर के नाम से जाना जाता है
  • अकबर को सबसे महान शासकों में से एक माना जाता है।
  • अकबर का राज्याभिषेक 14 वर्ष की आयु में पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ था।
  • बैरम खां अकबर का संरक्षक था।
  • पानीपत का द्वितीय युद्ध नवम्बर, 1556 ई. में हुआ, जिसमें बैरम खां के नेतृत्व वाली मुग़ल सेना ने हेमू के नेतृत्व वाली अफगान सेना को पराजित किया था।
  • बैरम खां के पुत्र का अकबर के संरक्षण में लालन पालन हुआ।बैरम खां का यही पुत्र आगे चलकर अब्दुल रहीम के नाम से जाना गया
  • 1560 में अकबर पर उसकी दायमाँ माहम अनगा का प्रभाव स्थापित हुआ। 1560 से 1562 या 1564 तक के समय को अकबर के शासन काल में पर्दाशासन कहते है।
  • बाज बहादुर को हराकर मालवा (1561 ई.) विजय(अकबर के शासन काल में पहली विजय), बाद में गढ़ कटंगा-1564 (रानी दुर्गावती द्वारा शासित), चित्तौड़ (1568 ई.), रणथंभौर और कालिंजर (1569 ई.) अकबर की प्रमुख विजयों में से थी 
  • 1572-73 में अकबर ने मुजफ्फर शाह तृतीय को पराजित करके गुजरात पर विजय प्राप्त की। इसी समय अकबर ने पहली बार समुद्र को देखा 
  • गुजरात पर विजय के बाद फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा का निर्माण किया गया।
  • अकबर के शासनकाल के दौरान 1576 ई. में मेवाड़ के शासक राणा प्रताप तथा मुग़ल सेना के बीच “हल्दी घाटी का युद्ध” हुआ, जिसमे मानसिंह के नेतृत्व में मुग़ल सेना विजयी रही थी।
  • कश्मीर पर (1586 ई.) में, सिंध पर (1593 ई.) में और असीरगढ़ पर (1603 ई.) में विजय प्राप्त की   
  • अकबर पहला मुगल बादशाह था जिसने राजपूतों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध बनाए।
  • अकबर ने हरखा बाई (जोधा बाई के रूप में भी जाना जाता है) से निकाह किया, जो राजपूत शासक भारमल की बेटी थी।
  • हरखा बाई को मरीयम उज्जवानी भी कहा गया। सलीम यानी जहाँगीर इसी का पुत्र था।
  • अकबर ने जजिया कर (1564 ई.) में समाप्त कर दिया।
  • अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई. में भू-राजस्व प्रणाली दहसाला बंदोबस्त (टोडर मल बंदोबस्त या ज़बती) लागु किया था।
  • दीन-ए-इलाही(1582 ई.) मुगल सम्राट अकबर द्वारा चलाया गया एक धर्म था
  • दीन-ए-इलाही स्वीकार करने वाले प्रथम एवं अंतिम हिन्दू राजा बीरबल थें, बीरबल के बचपन का नाम महेश दास था।
  • अबुल फजल ने “आईन-ए-अकबरी” तथा “अकबरनामा” नामक ग्रन्थ की रचना की थी।
  • मनसबदारी प्रथा एक विशिष्ट सैन्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसे भारत में अकबर ने प्रारम्भ किया था।
  • अकबर के दरबार में अब्दुस्समद, दसवंत एवं बसावन प्रमुख चित्रकार थे।
  • मुगल साम्राज्य में मनसबदारी प्रथा का प्रचलन था। मनसब से ताप्तर्य पद या ओहदे से है। अकबर के समय में सबसे बड़ा मनसब 7000 का था। अकबर ने मानसिंह को 7000 का मनसब प्रदान किया 
  • अकबर को नगाड़ा बजाने का शौक था।
  • अकबर ने विभिन्न भाषाओं के ग्रन्थों का फारसी में अनुवाद करने के लिए एक अनुवाद विभाग की स्थापना की।
  • अकबर ने चित्रणशाला की भी स्थापना की इसके अलावा संगीत को भी संरक्षण दिया।
  • अकबर ने आगरा का लालकिला तथा इलाहाबाद तथा लाहौर के किले बनवाए।
  • अकबर ने आगरा जिलेे के फतेहपुर सीकरी नामक एक नवीन शहर बसाकर इसे अपनी राजधानी बनाया था।
  • अकबर शेख सलीम चिश्ती का अनुयायी था। इनकी दरगाह फतेहपुर सीकरी में है
  • अकबर के नवरत्नों में टोडर मल, अबुल फजल, फैजी, बीरबल, तानसेन, अब्दुर रहीम खाना-ए-खाना, मुल्ला-दो-प्याजा, राजा मान सिंह और फकीर अज़ीओ-दीन शामिल थे।
  • 1580 ई. के पश्चात मुगल साम्राज्य की उत्तर-पश्चिमी सीमाओं में विद्रोह हुए थे।इसलिए अकबर ने 1585 ई. में अपनी राजधानी लाहौर को बनाया।
  • 1601 में अकबर ने असीरगढ़ की विजय की जो कि अकबर के जीवन की अन्तिम विजय थी।
  • 27 अक्टूबर 1605 को पेचिश के कारण अकबर की मृत्यु हो गई
  • अकबर का मकबरा आगरा के सिकन्दरा में है।

जहाँगीर (1605-1627 ई.)

  • जहाँगीर के बचपन का नाम सलीम था। यह नाम अकबर ने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था।
  • जहाँगीर को न्याय की जंजीर (जंजीर-ए-अदल) के लिए याद किया जाता है जो उसने आगरे के किले में लगवाई थी।
  • जहाँगीर ने 1611 ई. में मेहरुन्निसा से शादी की और नूरमहल एवं नूरजहाँ की उपाधि दी।
  • नूरजहाँ ईरान निवासी ग्यासबेग की पुत्री एवं अली कुल बेग (शेर अफगान) की विधवा थी।
  • नूरजहाँ की माता अस्मत बेगम ने गुलाब से ईत्र बनाने की विधि को खोजा था।
  • जहाँगीर ने नूरजहाँ के पिता ग्यासबेग को एत्माद्दौला की उपाधि दी थी।
  • नूरजहाँ ने अपने पिता का मकबरा आगरा में बनवाया। मुगल काल में यह मकबरा संगमरमर से बनी हुई पहली इमारत मानी जाती है।
  • 1620 में जहांगीर के ही समय में खुर्रम (शाहजहाँ ) ने कांगड़ा पर विजय प्राप्त की थी। जहांगीर ने खुर्रम को इन सेवाओ के बदले में शाहजहाँ की उपाधि प्रधान की।
  • जहाँगीर के समय में 1623 में खुरर्म ने विद्रोह किया था। जिसे 1626 में महावत खाँ ने दबाया था।
  • 1626 में महावत खान ने विद्रोह किया। महावत खान ने जहाँगीर को भी बन्दी बनाया था, बाद मे नूरजहाँ ने महावत खान का विद्रोह दबाया तथा जहाँगीर को स्वतन्त्र करवाया
  • अपने विद्रोही पुत्र खुसरो का साथ देने के आरोप में, जहांगीर के आदेश पर सिखों के पाँचवे गुरु गुरु अर्जुन देव को फांसी दी गई थी 
  • जहाँगीर के शासनकाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में अपनी पहले फैक्ट्री सूरत में स्थापित की थी।
  • इनके शासन काल में ही चित्रकला चमरोत्कर्ष पर थी।
  • जहाँगीर के दरबार में आगा राजा, अबुल हसन, उस्ताद मंसूर, विशनदास, मनोहर आदि प्रमुख चित्रकार थे।
  • जहाँगीर ने बाबर के समान अपनी आत्मकथा लिखी, जिसका नाम तुजुक-ए-जहांगीरी या जहाँगीर-नामा है।यह फ़ारसी भाषा में लिखी गयी है
  • कप्तान हॉकिन्स और सर थॉमस रो ने उनके दरबार का दौरा किया था।
  • जहाँगीर एक मात्र मुगल बादशाह है, जिसका चित्र इसके सिक्कों पर अंकित है। इसे हाथ में शराब का प्याला लिए हुए दिखाया गया है।
  • 1627 ई. में कश्मीर से लाहौर आते समय भीमवार नामक स्थान पर जहांगीर की मृत्यु हो गई 
  • जहाँगीर को शहादरा (लाहौर) में रावी नदी के किनारे दफनाया गया था।

शाहजहाँ (1627-1657 ई.)

  • शाहजहाँ जोधपुर के शासक मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री जगत गोसाई का पुत्र था।
  • शाहजहाँ का मूल नाम खुर्रम था।
  • शाहजहाँ का नुरजहां के भाई आसफखान की पुत्री अर्जुमंद बानु बेगम से विवाह हुआ। यही इतिहास में मुमताज महल के नाम से जानी गयी, 1631 में मुमताज महल की मृत्यु हो गई 
  • शाहजहाँ के शासनकाल को “स्थापत्य कला का स्वर्ण युग” कहा जाता है।
  • शाहजहाँ ने पुर्तगालियों के बढ़ते प्रभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से 1632 ई. में पुर्तगालियों से युद्ध किया एवं हुगली पर अधिकार कर लिया।
  • दिल्ली में एक महाविद्यालय का निर्माण एवं दारुल बका नामक महाविद्यालय की मरम्मत करवाई।
  • शाहजहाँ ने दिल्ली में “शाहजहाँनाबाद” नामक नया नगर बसाया तथा यहाँ नयी राजधानी स्थापित की थी।
  • अपनी बेगम मुमताज महल की याद में शाहजहाँ ने आगरा में ताजमहल का निर्माण कराया 
  • विद्वानों के मतानुसार मुगल शासकों में शाहजहाँ का शासनकाल स्वर्णकाल था। आगरा में ताजमहल बनवाया जिसका शिल्पी इसा खान था। इसके अलावा शाहजहाँ के समय में आगरा के किले में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास तथा मुरसम बुर्ज भी बनवाए गए।
  • दिल्ली का लालकिला शाहजहाँ ने बनवाया था। इसके अलावा दिल्ली की जामा मस्जिद शाहजहाँ के समय में शाहजहाँ के वज़ीर सादुल्ला खां ने बनवाई थी।
  • शाहजहाँ के समय में बादल खान द्वारा तख़्त-ए-ताऊस या मयूर सिंहासन का निर्माण किया गया तथा इसमें कोहिनूर हीरे को लगाया गया 
  • कोहिनूर हीरा गोलकुण्डा की खानों से निकला था।
  • शाहजहाँ ने तानसेन के दामाद लाल खां गुण समुद्र को सरंक्षण दिया था।
  • शाहजहाँ की मृत्यु 1666 ई. में हुई, शाहजहाँ को भी ताजमहल में मुमताज महल की कब्र के पास दफनाया गया।
  • शाहजहाँ के जीवित रहते हुए उसके चार पुत्रों दारा, सुजा, औरंगजेब व मुराद के मध्य राज्य पर अधिकार करने के लिए उत्तराधिकार का युद्ध हुआ था

औरंगजेब (1658 – 1707 ई.)

  • मुगलों में सबसे लम्बा शासनकाल अकबर का एवं दूसरे स्थान पर औरंगजेब का रहा।
  • औरंगजेब का मूल नाम मुही-उद-दीन मुहम्मद था 
  • औरंगज़ेब मुमताज़ और शाहजहाँ का पुत्र था।
  • औरंगजेब अपने भाई दारा, शुजा और मुराद के बीच उत्तराधिकार के क्रूर युद्ध के बाद विजयी हुआ।
  • औरंगजेब के शासन के दौरान – मथुरा में जाट किसान, पंजाब में सतनामी किसान और बुंदेलखंड में बुंदेलों का विद्रोह हुआ।
  • मुगल शासन औरंगजेब के शासनकाल के दौरान चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया 
  • यह उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में जिंजी तक, पश्चिम में हिंदुकुश से पूर्व में चटगाँव तक फैला हुआ था।
  • औरंगजेब ने आलमगीर उपाधि धारण की।
  • औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर को इस्लाम न स्वीकारने के कारण मृत्युदंड दिया, दिल्ली में जिस स्थान पर गुरु तेग बहादुर ने अपना बलिदान दिया उस स्थान पर आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब स्थित है।
  • औरंगजेब एक ऐसा मुगल शासक है जिसका राज्यभिषेक दो बार हुआ 
  • औरंगजेब को जिन्दा पीर और शाह दरवेश भी कहा जाता है।
  • औरंगजेब को वीणा बजाने में रूचि थी।
  • औरंगजेब ने बीजापुर (1686 ई.) और गोलकोंडा (1687 ई.) पर विजय प्राप्त की
  • औरंगजेब  ने 1679 ई. में जज़िया कर फिर से लगा दिया।
  • औरंगजेब ने औरंगाबाद में अपनी रानी रबिया-उल-दौरानी की कब्र पर बीवी का मकबरा, दिल्ली के लाल किले के भीतर मोती मस्जिद और लाहौर में यामी या बादशाही मस्जिद बनवाई 
  • औरंगजेब की पत्नी रबिया-उल-दौरानी का मकबरा दक्षिण भारत में औरंगाबाद में स्थित है इसे ही बीबी का मकबरा भी कहते है। यह देखने में ताजमहल जैसा दिखाई देता है। इसलिए इसेे भारत का दूसरा ताजमहल या दक्षिण का ताजमहल भी कहते है
  • औरंगजेब ने चित्रकला तथा संगीत कला को किसी प्रकार का सरंक्षण नहीं दिया
  • 1707 ई. में दक्षिण भारत में रहते हुए औरंगजेब की मृत्यु हो गई, औरंगजेब को औरंगजेब की इच्छा के मुताबिक दौलताबाद में स्थित औरंगजेब के आध्यात्मिक गुरु शेख ज़ैनुद्दीन शिराज़ी की मजार के पास दफना दिया गया

बहादुर शाह (1837-57 ई.) 

  • अंतिम मुग़ल बादशाह 
  • उपनाम: जाफ़र
  • अंतिम मुगल सम्राट, जिसे 1857 के विद्रोह के दौरान प्रमुख बनाया गया था
  • 1862-रंगून(म्यांमार)में मृत्यु 

मुग़ल शासक एवं उनके शासनकाल 

क्रम संख्या  शासक शासनकाल 
1. बाबर (1526-1530 ई.)
2. हुमायूँ  (1530-1556 ई.)
3. अकबर (1556-1605 ई.)
4. जहाँगीर  (1605-1627 ई.)
5. शहरयार मिर्जा (1627-1628 ई.)
6. शाहजहाँ  (1628-1658 ई.)
7. औरंगजेब (1658-1707 ई.)
8. मुहम्मद आज़म शाह (1707 ई.)
9. बहादुरशाह जफ़र प्रथम  (1707-1712 ई.)
10. जहाँदार शाह  (1712-1713 ई.)
11. फ़र्रुखशियार (1713-1719 ई.)
12. रफ़ी उद-दरजात (1719 ई.)
13. शाहजहां द्वितीय(रफी उद-दौलत) (1719 ई.)
14. मुहम्मद शाह (1719-1748 ई.)
15. अहमद शाह बहादुर (1748-1754 ई.)
16. आलमगीर द्वितीय (1754-1759 ई.)
17. शाहजहाँ तृतीय (1759-1760 ई.)
18. शाहआलम द्वितीय (1760-1806 ई.)
19. जहाँ शाह चतुर्थ(नासिरुद्दीन मुहम्मद जहाँ शाह) (1788 ई.)
20. अकबर द्वितीय (1806-1837 ई.)
21. बहादुरशाह द्वितीय (1837-1857 ई.)


दोस्तों यद्यपि आर्टिकल को बड़ी सावधानीपूर्वक Deep Research करके तैयार किया गया है फिर भी हम आपसे गुजारिश करते है की यदि आप को कही कुछ तथ्य या लेखन त्रुटि पूर्ण लगता है तो कृपया आप हमें सूचित करे,हम त्वरित कार्रवाही करते हुए त्रुटि को सही करेंगे

धन्यवाद

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