दोस्तों इस अति महत्वपूर्ण टॉपिक में सिंधु घाटी सभ्यता (Sindhu Ghati Sabhyata),हड़प्पा सभ्यता से जुड़े लगभग हर important पॉइंट को आर्टिकल में स्थान दिया गया है,किसी भी प्रतियोगी परीक्षा जैसे UPSC या फिर STATE PCS इत्यादि की तैयारी करते समय PDF नोट्स का एक विशेष स्थान होता है,यहाँ इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सिंधु घाटी सभ्यता PDF DOWNLOAD भी कर सकते है,तो चलिए शुरू करते है और सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में विस्तार से जानते है
सिंधु घाटी सभ्यता | indus valley civilization pdf
सिंधु घाटी सभ्यता को तीन नामों से जाना जाता है
1.सिंधु घाटी सभ्यता
2.सिंध सभ्यता
3.हड़प्पा सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता का कालखंड
सिंधु घाटी सभ्यता का कालखंड 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व माना जाता है
सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण
सिंधु घाटी सभ्यता को तीन नामों से जाना जाता है
1.सिंधु घाटी सभ्यता
इस सभ्यता का नाम सिंधु घाटी सभ्यता होने का कारण इस सभ्यता का सिंधु नदी घाटी में विकसित होना था
2.सिंध सभ्यता
इस सभ्यता का एक नाम सिंध सभ्यता होने का कारण इस सभ्यता के सिंध क्षेत्र में अवस्थित होना था
3.हड़प्पा सभ्यता
सिंधु घाटी सभ्यता का सर्वप्रथम पुरातात्विक प्रमाण हड़प्पा नामक स्थल से मिलने के कारण ही सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता हैं
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी
उस समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल थे
जॉन मार्शल ने ही 1924 ई. में सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की
सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार
सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्चिम विस्तार:-
- सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे उत्तरी पुरास्थल मांडा (जम्मू-कश्मीर) है
- सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे दक्षिणी पुरास्थल दैमाबाद (महाराष्ट्र) है
- सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे पश्चिमी पुरास्थल सुत्कागेनडोर (बलूचिस्तान-पाकिस्तान ) है
- सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरास्थल आलमगीरपुर ( मेरठ-उत्तर प्रदेश) है
सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति
आर. डी. बनर्जी,जॉन मार्शल ,मेके,एम.एस. वत्स,सर मोर्टिमर व्हीलर
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- चन्हूदरो
- लोथल
- धौलावीरा
- कालीबंगा
- दैमाबाद
- सुरकोटड़ा
- राखीगढ़ी
- रंगपुर
- बनावली
- हुलास(सहारनपुर)
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों के मुख्य तथ्य
हड़प्पा (harappa)
- हड़प्पा से मिली महत्वपूर्ण चीजों में स्त्री के गर्भ से निकलता हुआ पौधा तथा गेहूं तथा जौ के दाने मुख्य हैं
- सबसे विशिष्ट वस्तु मोहर है जो कि सेलखड़ी से निर्मित है,सिंधु घाटी सभ्यता में सर्वाधिक अभिलिखित मोहरें हड़प्पा से ही प्राप्त हुई है
मोहनजोदड़ो (mohenjo daro)
- मोहनजोदड़ो का अर्थ मृतकों का टीला है
- मोहनजोदड़ो की खोज राखाल दास बनर्जी ने 1922 ई. में की
- मोहनजोदड़ो में पाया गया बड़ा स्नानागार बहुत प्रसिद्ध है
- मोहनजोदड़ो का सबसे बड़ा निर्माण अन्नागार है
- भूमि तल पर बनी दीवारों में खिड़कियां नहीं है
- हर घर में एक स्नानघर है
- कुओं की संख्या 700 है
- मोहनजोदड़ो के निवासी साधारणतया भूमध्यसागरीय प्रजाति के थे
- मोहनजोदड़ो से वृषभ मुद्रा की प्राप्ति हुई है
- कांस्य नर्तकी की मूर्ति मोहन जोदड़ो की एक बड़ी प्रसिद्ध खोज है
चन्हूदरो
- चन्हूदरो की खोज गोपाल मजूमदार ने 1931 ई. में की थी
- सिंधु घाटी सभ्यता में शिल्प उत्पादन के केंद्र के रूप में चन्हूदरो का नाम आता है
- यहां मनके बनाना,शंख की कटाई,धातु कर्म,मुहर निर्माण तथा बाट बनाना आदि कार्य संपन्न होते थे
धौलावीरा
- धौलावीरा की खोज आर. एस. बिष्ट ने 1990-1991 ई. में की थी
- धौलावीरा गुजरात में स्थित है,इसकी प्रमुख विशेषता जल संचयन प्रणाली है ,यहां पर जलाशय की खोज की गई है
- धौलावीरा की एक और विशेषता इसका तीन भागों में विभाजित होना है
दोस्तों Sindhu Ghati Sabhyata Pdf Download करने के लिए Post को अंत तक पढ़े
लोथल ( Lothal )
- लोथल की खोज में एस. आर. राव का योगदान रहा,उन्होंने वर्ष 1954 में लोथल की खोज की
- सिंधु घाटी की सभ्यता में लोथल एक प्रमुख बंदरगाह के तौर पर प्रसिद्ध था,लोथल की सबसे प्रमुख विशेषता यहां का डॉक-यार्ड है
- लोथल से हाथी दांत का पैमाना मिला है
- लोथल से अग्निकुंड के प्रमाण मिले हैं
- लोथल पत्थरों,शंख तथा धातु से बनी वस्तुओं के एक महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध था
- लोथल में युगल समाधि मिली हैं (तीन)
- लोथल को सिंधु घाटी सभ्यता का मैनचेस्टर कहा जाता है
राखीगढ़ी
- यह भारत का सबसे बड़ा सिंधु घाटी सभ्यता स्थल है
- राखीगढ़ी हरियाणा में घग्गर नदी के तट पर स्थित है
- कालीबंगा (काली चूड़ियाँ)
- कालीबंगा राजस्थान में स्थित है
- कालीबंगा की सबसे प्रमुख विशेषता यहां से मिले जुते हुए खेत के साक्ष्य हैं
- कालीबंगा से अग्नि कुंड के प्रमाण मिले हैं
- कालीबंगा में युगल समाधि मिली है (एक)
बनावली
- हरियाणा में हिसार जिले में स्थित है ,यहाँ की विशेषता यहाँ की सड़कों के द्वारा संपूर्ण नगर को स्टार शेप्ड(Star-Shaped) भागों में विभाजित करना है
- बनावली में मिट्टी से बने हल का प्रतिरूप मिला है
सिंधु घाटी सभ्यता में 2 टीलों का उल्लेख महत्वपूर्ण है
1.पूर्वी टीला:-नीचे बनाया गया बड़ा भाग
2.पश्चिमी टीला:-छोटा तथा ऊंचाई पर बनाया गया भाग
पूर्वी टीले को नगर कहा गया जबकि पश्चिमी टीले को दुर्ग का नाम दिया गया
सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना
सिंधु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी,नगर निर्माण बड़े योजनाबद्ध तरीके से किया गया था,सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्न है:-
- जल निकास प्रणाली
- GRID डिजाइन
- सड़कें तथा गलियां का एक दूसरे को समकोण पर काटना
सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ
- सिंधु घाटी सभ्यता का आकार त्रिभुजाकार है
- हड़प्पा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मांटगोमरी (साहीवाल) जिले में स्थित है
- मोहनजोदड़ो सिंध प्रांत (पाकिस्तान) के लरकाना जिले में स्थित है
- हड़प्पा की स्थिति रावी नदी के बाईं ओर है
- मोहनजोदड़ो सिंधु नदी के दाहिने ओर स्थित है
- हड़प्पा सभ्यता की लिपि को अब तक पढ़ा नहीं जा सका है ,यह लिपि दाई से बाई ओर लिखी जाती थी
- हड़प्पा सभ्यता के पालतू जानवर:- भेड़ ,बकरी ,भैंस और सूअर हैं
- खेत जोतने के लिए बैलों(वृषभ) का प्रयोग होता था
- सिंधु घाटी सभ्यता मेसोपोटामिया सभ्यता के समकालीन थी
- सिंधु घाटी सभ्यता(हड़प्पा सभ्यता) की मोहरों की विशेषता एक श्रृंगी बैल है
- रूद्र-शिव सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित हैं
- सिंधु घाटी सभ्यता(हड़प्पा सभ्यता) की मुहर पर योगी की मुद्रा में देवता का अंकन मिलता है
- देवता के पास चीता,गेंडा,हाथी,भैंस,हिरण अंकित है
- सिंधु घाटी सभ्यता(हड़प्पा सभ्यता) की मुहरों पर एक श्रृंगी बैल,भैंस,बाघ,गेंडा,बकरी,हाथी,हिरण एवं मगरमच्छ का अंकन है
- सिंधु घाटी सभ्यता आद्य ऐतिहासिक युग से संबंधित है
- सिंधु घाटी और वैदिक सभ्यता(आर्य सभ्यता) के बीच में अंतर सिंधु घाटी सभ्यता का नगरीय सभ्यता होना था
- सिंधु घाटी सभ्यता में लोहे की जानकारी नहीं थी
- सिंधु घाटी सभ्यता में चांदी की जानकारी थी
- सिंधु सभ्यता में मूर्ति पूजा प्रचलन में थी
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग वृक्षों की पूजा करते थें
- सिंधु घाटी सभ्यता से मंदिर के साक्ष्य नहीं मिले है
- सिंधु घाटी सभ्यता में गाय का निरूपण नहीं पाया जाता
- सिंधु घाटी सभ्यता से शेर के अवशेष नहीं मिले है
- सिंधु घाटी सभ्यता में मिट्टी के बर्तनों पर लाल रंग का उपयोग किया जाता था
- नागेश्वर तथा बालाकोट शंख से बनी वस्तुओं के निर्माण के विशिष्ट केंद्र थे
- भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के पहले डायरेक्टर कनिंघम हड़प्पा का महत्व नहीं समझ पाए थे
- सिंधु घाटी सभ्यता की कीमती वस्तु-फयॉन्स(सुगंधित द्रव्य के पात्रों के रूप में प्रयुक्त)
- सिंधु घाटी सभ्यता की सामान्य वस्तुओं के नाम-चक्कियाँ,मृदभांड,सुईयाँ,झावा
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों को कपास का ज्ञान था
सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन
सिंधु घाटी सभ्यता में मिली मोहरों ,वजन और मापन की विधियों से सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के जीवन में व्यापार की महत्ता का पता चलता है
- सिंधु घाटी सभ्यता में लोग पत्थर ,धातुओं, सीप ,शंख का व्यापार करते थे।
- राजस्थान का खेतड़ी तांबे के लिए प्रसिद्ध था
- चांदी के लिए राजस्थान का जावर प्रसिद्ध था
- सोने का आयत कर्नाटक से किया जाता था
- ओमान से तांबे का आयात किया जाता था
- गुजरात ईरान तथा अफगानिस्तान से बहुमूल्य पत्थरों का आयात किया जाता था
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थान और उनके स्थितियां
- कालीबंगा राजस्थान में घग्गर नदी के तट पर स्थित है
- लोथल गुजरात में भोगवा नदी के तट पर स्थित है
- रोपड़ पंजाब में सतलज नदी के तट पर स्थित है
- मांडा जम्मू कश्मीर में चिनाब के तट पर स्थित है
- दैमाबाद महाराष्ट्र में प्रवरा नदी के तट पर स्थित है
- आलमगीरपुर उत्तर प्रदेश में हिंडन नदी के तट पर स्थित है
- सुत्कागेनडोर (बलूचिस्तान-पाकिस्तान ) दाश्त नदी के तट पर स्थित है
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सिंधु घाटी सभ्यता का अंत
सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के लिए जिम्मेदार कारणों में जलवायु परिवर्तन,अत्यधिक बाढ़,नदियों का सूख जाना,नदियों का मार्ग बदल लेना अथवा भूमि का अत्यधिक उपयोग आदि माने जाते है ,परंतु सिंधु घाटी सभ्यता के पतन की पूरी तरह से व्याख्या नहीं हो पाई है
विशेष
ताम्र-पाषाण काल
ताम्रपाषाण काल में उपयोग में लायी गयी पहली धातु तांबा थी {ताम्रपाषाण (तांबा-पत्थर)}
देखा जाये तो यह युग सिंधु घाटी सभ्यता के पूर्व का है,परन्तु उत्तर भारत में सिंधु घाटी सभ्यता जो की काँस्य-युग माना जाता है के पश्चात ही ताम्रपाषाण युग का आरम्भ माना जाता है
- ताम्रपाषाण युग मुख्यता ग्रामीण संस्कृति थी
- राजस्थान में गिलुंद एवं अहर ताम्रपाषाण युगीन स्थल है
- महाराष्ट्र में प्रवरा नदी तट पर जोरवे संस्कृति विकसित हुई थी
- प्रमुख जोरवे स्थलों में जोरवे,दैमाबाद,इनामगांव,नेवासा शामिल है,सबसे बड़ा जोरवे स्थल दैमाबाद है
- तांबे के औजारों का सबसे बड़ा भंडार मध्य प्रदेश के गुंगेरिया में मिला है
- बर्तनो पर गेरू रंग का उपयोग मिलता है
- दक्षिण भारत में मृतक अवशेषों को पूर्व-पश्चिम दिशा में दफ़नाने के प्रमाण मिले है
- इनामगांव (महाराष्ट्र) से मातृ देवी की मूर्ति मिली है
- ताम्र-पाषाण युग को चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है
सिंधु घाटी सभ्यता बहुविकल्पीय प्रश्न || सिंधु घाटी सभ्यता objective questions
दोस्तों इस भाग में सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न ( objective questions )दिए गए हैं,आप नीचे दिए गए लिंक से सिंधु घाटी सभ्यता बहुविकल्पीय प्रश्न pdf download भी कर सकते है
Question:-किस स्थल से स्त्री -पुरुष युग्म शवाधान प्राप्त हुआ हैं ?
A.मोहनजोदड़ो से
B.बनावली से
C.चन्हूदरो से
D.लोथल से
Question:-निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता सिंधु घाटी की सभ्यता से सम्बन्धित नहीं हैं ?
A.व्यावसायिक कृषि
B.नगर नियोजन
C.व्यापार एंव उद्योग
D.चरागाही अर्थव्यवस्था
Question:-ताम्र संचय सम्बंधित हैं ?
A.चित्रित धूसर मृदभांड से
B.चमकीले लाल मृदभांड से
C.गैरिक मृदभांड से
D.काले और लाल मृदभांड से
Question:-हड़प्प्पा संस्कृति के स्थलों का सर्वाधिक संकेद्रण ?
A.सतलुज के तट पर
B.घग्घर के तट पर
C.सिंधु के तट पर
D.रावी के तट पर
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता के प्रसार-क्षेत्र का आकार कैसा था ?
A.वृत्ताकार
B.त्रिभुजाकार
C.वर्गाकार
D.आयताकार
Question:-हड़प्पा सभ्यता के लोग किस पशु से परिचित नहीं थें ?
A.गैंडा
B.दरियाई घोड़ा
C.सांड
D.ऊंट
Question:-हड़प्पा सभ्यता के लोग किस फसल से अनभिज्ञ थें ?
A.गेहूं
B.गन्ना
C.जौ
D.राई
Question:-मोहनजोदड़ो की विशालतम इमारत ?
A.अन्नागार
B.सभागृह
C.स्नानागार
D.भोजनालय
Question:-रंगपुर का उत्खनन किसने किया था ?
A.दयाराम साहनी ने
B.एम.एस. वत्स ने
C.एस. आर. राव ने
D.राखाल दास ने
Question:-प्राक्-हड़प्पाकालीन स्थल नहीं हैं ?
A.हड़प्पा
B.रंगपुर
C.काली बंगा
D.कोटदिजी
Question:-सिंधु घाटी की सभ्यता काल है ?
A.पूर्व पाषाण काल
B.नव पाषाण काल
C.कांस्य काल
D.परवर्ती पाषाण काल
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता सम्बंधित हैं ?
A.आद्य ऐतिहासिक युग से
B.ऐतिहासिक युग से
C.उत्तर ऐतिहासिक युग से
D.प्रागैतिहासिक युग से
Question:-लोथल स्थित है ?
A.हरियाणा में
B.गुजरात में
C.राजस्थान में
D.महाराष्ट्र में
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता के विस्तार का वर्णन करो ?
Answer:-कृपया दिए गए लेख को पढ़े,लेख में सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार-पूर्वक वर्णन किया गया हैं
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
Answer:-सिंधु घाटी सभ्यता का सर्वप्रथम पुरातात्विक प्रमाण हड़प्पा नामक स्थल से मिलने के कारण सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता हैं
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता कितने वर्ष पुरानी है ?
Answer:-सिंधु घाटी सभ्यता का काल खण्ड 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व माना जाता है
Question:-हड़प्पा सभ्यता का पूर्व से पश्चिम तक विस्तार कितना है ?
Answer:-सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे पूर्वी पुरास्थल आलमगीरपुर मेरठ उत्तर प्रदेश में है जबकि सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता का सबसे पश्चिमी पुरास्थल सुत्कागेनडोर है
Question:-सिंधु घाटी सभ्यता की खोज किसने की ?
Answer:-सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी
सिंधु घाटी सभ्यता FAQ | हड़प्पा सभ्यता FAQ
सिंधु घाटी सभ्यता का कालखंड 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व माना जाता है
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी, उस समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल थे, जॉन मार्शल ने ही 1924 ई. में सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की
हड़प्पा की खोज 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी, उस समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल थे, जॉन मार्शल ने ही 1924 ई. में हड़प्पा की खोज की घोषणा की
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज 1921 ई. में रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी, उस समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल थे
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी, उस समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल जॉन मार्शल थे, जॉन मार्शल ने ही सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की घोषणा की
सिंधु घाटी सभ्यता का आकार त्रिभुजाकार है, हड़प्पा सभ्यता की लिपि को अब तक पढ़ा नहीं जा सका है, यह लिपि दाई से बाई ओर लिखी जाती थी, सिंधु घाटी सभ्यता मेसोपोटामिया सभ्यता के समकालीन थी, सिंधु घाटी सभ्यता आद्य ऐतिहासिक युग से संबंधित है, सिंधु घाटी सभ्यता में लोहे की जानकारी नहीं थी सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास क्या है?
सिंधु घाटी सभ्यता के खोजकर्ता कौन है?
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज क्या थी?
हड़प्पा की खोज कैसे हुई?
सिंधु घाटी सभ्यता की खोज कब और किसने की थी?
सिंधु घाटी सभ्यता के जनक कौन थें?
सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता क्या है?
Conclusion | निष्कर्ष
दोस्तों इस प्रकार हम इस आर्टिकल के द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता ,सिंध सभ्यता ,हड़प्पा सभ्यता,सिंधु घाटी सभ्यता का कालखंड,सिंधु घाटी सभ्यता का नामकरण,सिंधु घाटी सभ्यता की खोज,सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार,सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति,सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल ,सिंधु घाटी सभ्यता की नगर योजना,सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों के मुख्य तथ्य,मोहनजोदड़ो (mohenjo daro),चन्हूदरो,धौलावीरा,लोथल ( Lothal ),राखीगढ़ी,कालीबंगा (काली चूड़ियाँ),बनावली,सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ ,सिंधु घाटी सभ्यता का आर्थिक जीवन,सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थान और उनके स्थितियां,सिंधु घाटी सभ्यता का अंत इत्यादि से अच्छी तरह अवगत हो गए है,आशा करता हूँ आपको आर्टिकल पसंद आया होगा ,कृपया आर्टिकल को शेयर करे एवं वेबसाइट पर उपलब्ध अन्य quality articles को अवश्य पढ़े
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