भारत का अपवाह तंत्र
नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा प्राय: यह किसी सागर अथवा झील में गिरती है।
नदी दो प्रकार की होती है. सदानीरा या बरसाती।
सदानीरा नदियों का स्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं।
गंगा, यमुनाए कावेरी, ब्रह्मपुत्र आदि सदानीरा नदियाँ हैं।
भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ।
आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है।
प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश प्रमुख नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे।
नदियों के देश कहे जाने वाले भारत में मुख्यतः हिमालय से निकलने वाली नदियाँ(सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र), प्रायद्वीपीय नदी(नर्मदा, कावेरी, महानदी) प्रणाली है।
भारत की नदियों को चार समूहों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है –
- हिमालय की नदियाँ
- प्रायद्वीपीय नदियाँ
- तटीय नदियाँ
- अन्तःस्थलीय प्रवाह क्षेत्र की नदियाँ
भारत में छोटी-बड़ी लगभग 200 मुख्य नदियां हैं। इनमें पानी प्रवाह के अनुसार गंगा नदी देश की सबसे बड़ी नदी है, जबकि लंबाई के अनुसार सिन्धु नदी सबसे बड़ी नदी है। राजस्थान में मात्र 90 कि.मी. बहने वाली अरवरी नदी को भारत की सबसे छोटी नदी माना जाता है।
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्लेशियरों( हिमानी या हिमनद) के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है।
हिमालय की नदियों के बेसिन बहुत बड़े हैं एवं उनके जलग्रहण क्षेत्र सैकड़ों-हजारों वर्ग किमी. में फैले हैं।
हिमालय की नदियों को तीन प्रमुख नदी-तंत्रों में विभाजित किया गया है।
१.सिन्धु नदी-तंत्र,
२.गंगा नदी-तंत्र
३.ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र।
सिन्धु नदी-तंत्र
- इसके अन्तर्गत सिन्धु एवं उसकी सहायक नदियां सम्मिलित है।
- सिन्धु तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट ‘चेमायुंगडुंग’ ग्लेशियर से निकलती है।
- यह 2,880 किमी. लम्बी है।
- भारत में इसकी लम्बाई 1,114 किमी.(पाक अधिकृत सहित, केवल भारत में 709 किमी.) है।
- इसका जल संग्रहण क्षेत्र 11.65 लाख वर्ग किमी. है।
सिन्धु की सहायक नदियां
दायीं ओर से मिलने वाली – श्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल।
बायीं ओर से मिलने वाली – सतलज, व्यास, रावी, चिनाब एवं झेलम की संयुक्त धारा(मिठनकोट के पास) तथा जास्कर, स्यांग, शिगार, गिलगिट।
- 1960 में हुए ‘सिन्धु जल समझौते’ के अन्तर्गत भारत सिन्धु व उसकी सहायक नदियों में झेलम और चेनाब का 20 प्रतिशत जल उपयोग कर सकता है जबकि सतलज, रावी के 80 प्रतिशत जल का उपयोग कर सकता है।
- सिन्धु नदी भारत से होकर तत्पश्चात् पाकिस्तान से हो कर और अंतत: कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है।
सतलज नदी
- यह तिब्बत में मानसरोवर के निकट राकस ताल से निकलती है और भारत में शिपकीला दर्रे के पास से प्रवेश करती है।
- भाखड़ा नांगल बांध सतलज नदी पर बनाया गया है।
व्यास
- इसका उद्गम स्थल भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के निकट व्यासकुंड है।
- यह सतलज की सहायक नदी है।
- यह कपूरथला के निकट ‘हरिके’ नामक स्थान पर सिन्धु से मिल जाती है।
- यह पुर्ण रूप से भारत में(460-470 किमी.) बहती है।
रावी नदी
- इस नदी का उद्गम स्थल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप है।
- यह पंजाब की पांच नदियों में सबसे छोटी है।
चिनाब नदी
- यह नदी सिन्धु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- जो हिमाचल प्रदेश में चन्द्रभागा कहलाती है।
- यह नदी लाहुल में बाड़ालाचा दर्रे के दोनों ओर से चन्द्र और भागा नामक दो नदियों के रूप में निकलती है।
झेलम नदी
- यह पीरपंजाल पर्वत की श्रेणी में शेषनाग झील के पास वेरीनाग झरने से निकलती है और बहती हुई वूलर झील में मिलती है और अंत में चिनाब नदी में मिल जाती है।
- इसकी सहायक नदी किशनगंगा है, जिसे पाकिस्तान में नीलम कहा जाता है।
- श्रीनगर इसी नदी के किनारे बसा है।
- श्रीनगर में इस पर ‘शिकार’ या ‘बजरे’ अधिक चलाए जाते हैं।
गंगा नदी-तंत्र
- उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से भागीरथी के रूप में निकलकर देवप्रयाग में अलकनंदा एवं भागीरथी के संगम के बाद संयुक्त धारा गंगा नदी के नाम से जानी जाती है।
- इलाहाबाद के निकट गंगा से यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है।
- प. बंगाल में गंगा दो धाराओं में बंट जाती है एक धारा हुगली नदी के रूप में अलग होती है जबकि मुख्यधारा भागीरथी के रूप में आगे बढ़ती है।
- ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से भागीरथी(गंगा) में मिलती है। इनकी संयुक्त धारा को पद्मा कहा जाता है।
- पद्मा नदी में बांग्लादेश में मेघना नदी मिलती है।
- गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा मेघना से मिलने के बाद मेघना के नाम से आगे बढ़ती है और छोटी-छोटी धाराओं में बंटने के बाद बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा माना जाता है। जिसका विस्तार हुगली और मेघना नदियों के बीच है। सुन्दरी वृक्ष की अधिकता के कारण इसे ‘सुन्दर वन *डेल्टा*’ कहा जाता है।
*डेल्टा*
- नदी जब सागर या झील में गिरती है तो वेग में कमी के कारण मुहाने पर उसके मलबे का निक्षेप होने लगता है जिससे वहां विशेष प्रकार के स्थल रूप का निर्माण होता है। इस स्थल रूप को डेल्टा कहते हैं।
गंगा की सहायक नदियां
बांयी ओर मिलने वाली – गोमती, घाघरा, गण्डक, बूढ़ीगंगा, कोसी , महानंदा, ब्रह्मपुत्र।
दांयी ओर मिलने वाली – यमुना, टोंस, सोन।
गोमती
- यह उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जनपद से निकलती है एवं गाजीपुर के निकट गंगा में मिलती है।गोमती के किनारे बसे शहर – लखनऊ, जौनपुर व गाजीपुर।
घाघरा(सरयु) नदी
- यह नेपाल के मपसा तुंग हिमानी से निकलती है एवं बिहार के छपरा के निकट गंगा में मिलती है।
- घाघरा की सहायक नदियां – राप्ती एवं शारदा।
- घाघरा के किनारे बसे शहर – अयोध्या, फैजाबाद, बलिया।
गण्डक नदी
- नेपाल में शालिग्रामी नदी नाम से जानी जाती है।
- भारत में पटना के निकट गंगा नदी में मिलती है।
कोसी नदी
- माउण्ट एवरेस्ट के पास गोसाईथान चोटी से निकलती है।
- भागलपुर जनपद में गंगा नदी में मिलती है।
- बाढ़ लाने के कारण यह नदी बिहार का शोक कहलाती है।
टोंस नदी
कैमूर की पहाड़ीयों से निकलकर इलाहबाद से आगे गंगा नदी में मिलती है।
सोन नदी
अमरकंटक की पहाडि़यों से निकलकर पटना से पहले गंगा नदी में मिलती है।
यमुना नदी
- यह गंगा की सबसे लम्बी(1,370 किमी.) सहायक नदी है।
- यह बंदरपूंछ श्रेणी पर स्थित यमुनोत्री हिमनद से निकलती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियां हिंडन, ऋषि गंगा, चंबल, बेतवा, केन एवं सिंध है।
यमुना की सहायक नदियां
चम्बल
- चम्बल मध्यप्रदेश के मऊ(इन्दौर) के समीप स्थित जानापाव पहाड़ी से निकलती है एवं इटावा के समीप यमुना नदी में मिलती है।
- सहायक नदियां – बनास, पार्वती, कालीसिंध एवं क्षिप्रा।
चम्बल की सहायक नदियां
बनास
बनास अरावली श्रेणी की खमनौर पहाड़ीयों से निकलती है एवं चंबल नदी में मिल जाती है।
क्षिप्रा नदी
- यह इन्दौर के निकट काकरी पहाड़ी से निकलती है एवं चम्बल में मिलती है।
कालीसिंध
कालीसिंध मध्यप्रदेश के देवास जिले के बागली गांव में विन्ध्य पहाड़ी से निकलती है एवं चम्बल नदी में मिल जाती है।
पार्वती
यह नदी मध्य प्रदेश में विन्ध्य श्रेणी से निकलती है एवं राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
बेतवानदी
यह मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में विन्ध्य पर्वत माला से निकलती है। हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिलती है।
केन नदी
यह मध्यप्रदेश के सतना जिले में कैमूर की पहाड़ी से निकलती है एवं बांदा के निकट यमुना में मिल जाती है।
सिंध
यह गुना जिले के सिरोंज तहसील के पास से निकलती है।
*हुगली नदी*
प. बंगाल में गंगा की वितरिका के रूप में इसका उद्गम होता है तथा बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र
- ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट आंग्सी हिमनद से होता है।
- तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी सांग्पो नाम से जानी जाती है।
- यह नमचा बरबा पर्वत शिखर के निकट अरूणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तब इसका नाम दिहांग होता है।
- बाद में इसकी 2 सहायक नदी दिबांग और लोहित के मिलने के बाद यह ब्रह्मपुत्र नाम से जानी जाती है।
- बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र को जमुना नाम से जाना जाता है।
- तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र से बांग्लादेश में मिलती है। इसके बाद ब्रह्मपुत्र पद्मा(गंगा) में मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी सहायक नदियां
दांयी ओर से मिलने वाली – सुबनसिरी, कामेंग, मानस, संकोज, तीस्ता।
बांयी ओर से मिलने वाली नदियां – लोहित, दिबांग, धनश्री, कालांग।
असोम घाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के गुंफित होने से माजुली द्वीप का निर्माण हुआ है।
*भारत में बहने के अनुसार सबसे लम्बी नदी गंगा है और ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे बड़ी नदी जल की मात्रा के हिसाब से है।*
गुंफित सरिता/नदी
- एक ही नदी या सरिता से उत्पन्न होने वाली लघु, उथली तथा संग्रथित सरिताओं का जाल।
- नदी के मुहाने के निकट भूमि का ढाल अत्यंत मंद होने पर बड़ी मात्रा में मलवे का जमाव होता रहता है जिससे डेल्टा का निर्माण होता है।
- इस डेल्टाई भाग में नदी का जल कई शाखाओं एवं उपशाखाओं (जल वितरिकाओं) में विभिक्त हो जाता है।
- ये जल वितरिकाएं आगे पुनः कई बार मिल जाती हैं और पृथक् होती हैं।
- इस प्रकार छोटी-छोटी सरिताएं एक-दूसरे से गुथी हुई होती हैं और उथली होती हैं।
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र
- मैदानी भाग की नदियों की अपेक्षा प्रायद्वीपीय भारत की नदियां आकार में छोटी हैं।
- यहां की नदियां अधिकांशतः मौसमी हैं और वर्षा पर आश्रित हैं।
- वर्षा ऋतु में इन नदियों के जल-स्तर में वृद्धि हो जाती है, पर शुष्क ऋतु में इनका जल-स्तर काफी कम हो जाता है। इस क्षेत्र की नदियां कम गहरी हैं, परंतु इन नदियों की घाटियां चौड़ी हैं और इनकी अपरदन क्षमता लगभग समाप्त हो चुकी है।
- यहां की अधिकांश नदियां बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, कुछ नदियां अरब सागर में गिरती हैं और कुछ नदियां गंगा तथा यमुना नदी में जाकर मिल जाती हैं।
- प्रायद्वीपीय क्षेत्र की कुछ नदियां अरावली तथा मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश से निकलकर कच्छ के रन या खंभात की खाड़ी में गिरती हैं।
ये नदियां दो भागों में विभक्त होती हैं –
१.अरब सागर में गिरने वाली नदियां
२.बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां
अरब सागर में गिरने वाली नदियां
भादर नदी
यह गुजरात के राजकोट से निकलकर अरब सागर में गिरती है।
शतरंजी
गुजरात के अमरेली जिले से निकलकर खंभात की खाड़ी में गिरती है।
साबरमती नदी
यह उदयपुर(राजस्थान) के निकट अरावली पर्वत माला से निकलती है एवं गुजरात होते हुए खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
माही नदी
- माही नदी मध्य प्रदेश के धार जिले में विन्ध्याचल पर्वत से निकलती है इसका प्रवाह मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात राज्यों में है।
- इसकी सहायक नदियां सोम एवं जाखम है।
- यह खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
नर्मदा नदी
- नर्मदा नदी मैकाल पर्वत की अमरकंटक चोटी से निकलती है।
- नर्मदा का प्रवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश(87 प्रतिशत), गुजरात(11.5 प्रतिशत) एवं महाराष्ट्र(1.5 प्रतिशत) है।
- नर्मदा विन्ध्याचल पर्वत माला एवं सतपुडा पर्वतमाला के बीच भ्रंश घाटी में बहती है। यह अरबसागर में गिरने वाली प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है।
- खंभात की खाड़ी में गिरने पर यह ज्वारनदमुख(एश्चुअरी) का निर्माण करती है।
सहायक नदियां –
तवा, बरनेर, दूधी, शक्कर, हिरन, बरना, कोनार, माचक।
*एस्चुअरी या ज्वारनदमुख*
नदी का जलमग्न मुहाना जहाँ स्थल से आने वाले जल और सागरीय खारे जल का मिलन होता है नदी के जल में तीव्र प्रवाह के कारण जब मलवों का निक्षेप मुहाने पर नहीं होता है तथा नदी जल के साथ मलबा भी समुद्र में गिर जाता है तो नदी का मुहाना गहरा हो जाता है ऐसे गहरे मुहाने को ज्वारनदमुख कहते हैं।
तापी नदी
- तापी मध्यप्रदेश के बैतुल जिले के मुल्लाई नामक स्थान से निकलती है।
- यह सतपुड़ा एवं अजंता पहाड़ी के बीच भ्रंश घाटी में बहती है।
- तापी नदी का बेसिन महाराष्ट्र(79 प्रतिशत), मध्यप्रदेश(15 प्रतिशत) एवं गुजरात(6 प्रतिशत) है।
- तापी की मुख्य सहायक नदी पूरणा है।
- तापी खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है एवं एश्चुअरी का निर्माण करती है।
माण्डवी नदी
माण्डवी नदी कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट पर्वत के भीमगाड झरने से निकलकर पश्चिम दिशा में प्रवाहित होते हुए गोवा राज्य से प्रवाहित होने के बाद अरब सागर में गिरती है।
जुआरी नदी
जुआरी नदी गोवा राज्य में पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम दिशा में बहते हुए अरब सागर में गिरती है। यह गोवा की सबसे लंबी नदी है।
शरावती नदी
यह नदी कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट पर्वत की अम्बुतीर्थ नामक पहाड़ी से निकलती है एवं कर्नाटक राज्य में बहते हुए अरब सागर में गिरती है।
*जोग जलप्रपात इसी नदी पर स्थित है।*
गंगावेली नदी
यह नदी कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर कर्नाटक राज्य में बहते हुए अरब सागर में गिरती है।
पेरियार नदी
- यह अन्नामलाई पहाड़ी से निकलती है एवं केरल राज्य में बहते हुए अरबसागर में गिरती है।
- यह केरल की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
- इसे केरल की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र केरल एवं तमिलनाडु राज्यों में है।
भरतपूजा नदी
- यह अन्नामलाई से निकलती है।
- इसका अन्य नाम पोन्नानी है।
- यह केरल की सबसे लंबी नदी है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र केरल एवं तमिलनाडु है।
पंबा नदी
यह केरल की नदी है एवं बेम्बनाद झील में गिरती है।
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां
हुगली
यह नदी प. बंगाल में गंगा नदी की वितरिका के रूप में उद्गमित होती है एवं बंगाल की खाड़ी में जल गिराती है।
दामोदर
- यह छोटा नागपुर पठार, पलामू जिला, झारखण्ड से निकलती है पूर्व दिशा में बहते हुए प. बंगाल में हुगली नदी में मिल जाती है।
- यह बंगाल का शोक कहलाती है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र झारखण्ड एवं प. बंगाल राज्य है।
स्वर्ण रेखा नदी
यह नदी रांची के पठार से निकलती है। यह पश्चिम बंगाल उडीसा के बीच सीमा रेखा बनाती है।
वैतरणी नदी
- यह ओडीसा के क्योंझर जिले से निकलती है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र ओडीसा एवं झारखण्ड राज्य है।
ब्राह्मणी नदी
इसकी उत्पत्ति ओडीसा राज्य की कोयेल एवं शंख नदियों की धाराओं के मिलने से हुई है।
महानदी
- महानदी का उद्गम मैकाल पर्वत की सिंहाना पहाड़ी(धमतरी जिला, छत्तीसगढ़) से होता है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र छत्तीसगढ़ एवं ओडीसा राज्य में है।
गोदावरी नदी
- यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है।
- गोदावरी नदी का उद्गम नासिक जिले की त्र्यम्बक पहाड़ी से होता है।
- गोदावरी को ‘दक्षिण गंगा’ व ‘वृद्ध गंगा’ भी कहा जाता है।
- गोदावरी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसढ़, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडीसा, कर्नाटक एवं यनम(पुदुचेरी) राज्यों से होकर बहती है।
गोदावरी की सहायक नदियां –
दुधना, पूर्ण, पेन गंगा, वेनगंगा, इन्द्रावती, सेलूरी, प्राणहिता एवं मंजरा/मंजीरा(दक्षिण से मिलने वाली प्रमुख नदी)।
कृष्णा नदी
- कृष्णा नदी का उद्गम महाबलेश्वर से होता है।
- यह प्रायद्वीपीय भारत की दुसरी सबसे लंबी नदी है।
- यह बंगाल की खाड़ी में डेल्टा बनाती है।
- यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश से होकर बहती है।
कृष्णा नदी की सहायक नदियां
– भीमा, तुंगाभद्रा, कोयना, वर्णा, पंचगंगा, घाटप्रभा, दूधगंगा, मालप्रभा एवं मूसी।
पेन्नार नदी
यह कर्नाटक के कोलार जिले की नंदीदुर्ग पहाड़ी से निकलती है।
कावेरी नदी
- कावेरी कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले की ब्रह्मगिरी की पहाड़ीयों से निकलती है।
- दक्षिण भारत की यह एकमात्र नदी है जिसमें वर्ष भर सत्त रूप से जल प्रवाह बना रहता है।
- इसका कारण है – कावेरी का ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र (कर्नाटक) दक्षिण-पश्चिम मानसून से वर्षा जल प्राप्त करता है जबकि निचला जलग्रहण क्षेत्र(तमिलनाडु), उत्तरी-पूर्वी मानसून से जल प्राप्त करता है।
- इसके अपवाह का 56 प्रतिशत तमिलनाडु, 41 प्रतिशत कर्नाटक व 3 प्रतिशत केरल में पड़ता है।
सहायक नदियां –
लक्ष्मण तीर्थ, कंबिनी, सुवर्णावती, भवानी, अमरावती, हेरंगी, हेमावती, शिमसा, अर्कवती।
वैगाई नदी
यह तमिलनाडु के वरशानद पहाड़ी से निकलती है एवं पाक की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
ताम्रपर्णी नदी
यह तमिलनाडु राज्य में बहती है एवं मन्नार की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
तटीय नदियाँ
तटीय नदियाँ भारत के तटीय क्षेत्रों की नदियों से संबंधित हैं।
पश्चिम बंगाल तटीय नदियाँ
सुवर्णरेखा नदी पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में स्थित है। इसकी लंबाई लगभग 395 किमी (245 मील) है। कंगसाबती नदी पश्चिम बंगाल में छोटा नागपुर पठार से अपनी यात्रा शुरू करती है। इसकी लंबाई लगभग 465.23 किमी (289 मील) है।
आंध्र प्रदेश तटीय नदियाँ
वामसाधारा नदी और नागावली नदी श्रीकाकुलम जिले की दो प्रमुख तटीय नदियाँ हैं।
तमिलनाडु तटीय नदियाँ
थमीरबरनी नदी पश्चिमी घाट के पोथिगई पहाड़ियों के अगस्त्यरकुडम चोटी से अपनी यात्रा शुरू करती है। इसकी लंबाई लगभग 185 किमी (115 मील) है। वैगई नदी तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है और वरुणानाडु पहाड़ियों से अपनी यात्रा शुरू करती है। नदी की लंबाई लगभग 258 किमी (160 मील) है। तमिलनाडु की कुछ अन्य तटीय नदियाँ वेल्लर नदी, वशिष्ठ नदी और श्वेता नदी हैं।
कर्नाटक तटीय नदियाँ
कर्नाटक में तटीय नदियाँ तीन तटीय जिलों से होकर बहती हैं और अरब सागर से मिल जाती हैं। इनमें नेत्रावती नदी, शरवती नदी, अघनाशिनी नदी और दक्षिण कन्नड़ जिले और उडुपी जिले की नदियां शामिल हैं। पलार नदी कर्नाटक के कोलार जिले में नंदी पहाड़ियों से अपनी यात्रा शुरू करती है। इसकी लंबाई लगभग 216 मीटर (348 किमी) है।
महाराष्ट्र तटीय नदियाँ
वशिष्ठी नदी पश्चिमी घाट से अपनी यात्रा शुरू करती है और इसमें कई नदी द्वीप हैं। सावित्री नदी महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से अपनी यात्रा शुरू करती है और रायगढ़ जिले से होकर गुजरती है।
महाराष्ट्र की अन्य तटीय नदियाँ शास्त्री नदी, गाद नदी, पातालगंगा नदी, उल्हास नदी, मीठी नदी या माहिम नदी, ओशिवारा नदी, दहिसर नदी, तानसा नदी (ठाणे), वैतरणा नदी और सूर्य नदी हैं।
अंतःस्थलीय नदियाँ
कुछ नदियाँ ऐसी होती है जो सागर तक नहीं पहुंच पाती और रास्ते में ही लुप्त हो जाती हैं।
ये अंतःस्थलीय नदियाँ कहलाती हैं।
घग्घर, लुनी नदी इसके मुख्य उदाहरण हैं।
घग्घर
घग्घर एक मौसमी नदी हैं जो हिमालय की निचली ढालों से (कालका के समीप) निकलती है और अनुपगढ़ (राजस्थान) में लुप्त हो जाती हैं। घग्घर को ही वैदिक काल की सरस्वती माना जाता है।
लूनी
लूनी उद्गम स्थल राजस्थान में अजमेर जिले के दक्षिण-पश्चिम में अरावली पर्वत का अन्नासागर है।
अरावली के समानांतर पश्चिम दिशा में बहती है।
यह नदी कच्छ के रन के उत्तर में साहनी कच्छ में समाप्त हो जाती है
हिमालय से निकलने वाली नदियों तथा प्रायद्वीपीय भारत के नदियों में अन्तर
(1) प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ बहुत प्राचीन हैं, जबकि हिमालय की नदियाँ नवीन हैं।
हिमालय की नदियाँ अपनी युवावस्था में है, अर्थात् ये नदियाँ अभी भी अपनी घाटी को गहरा कर रही हैं, जबकि प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ अपनी प्रौढावस्था में हैं।
इसका तात्पर्य यह है कि प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ अपनी घाटी को गहरा करने का काम लगभग समाप्त कर चुकी हैं और आधार तल को प्राप्त कर चुकी हैं।
*किसी भी नदी का आधार तल समुद्र तल होता है |*
(2) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ उत्तर भारत के मैदान में पहुँचकर विसर्पण करती हुई चलती हैं और कभी-कभी ये नदियाँ विसर्पण करते हुए अपना रास्ता बदल देती ।
उदाहरण के लिए-कोसी नदी।
जबकि प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ कठोर पठारीय संरचना द्वारा नियंत्रित होने के कारण विसर्पण नहीं कर पाती हैं।
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का मार्ग लगभग निश्चित होता है, अर्थात् उद्गम से लेकर मुहाने तक अपनी घाटी पर ही प्रवाहित होती हैं।
(3) हिमालयी नदियाँ अधिक लम्बी हैं क्योंकि हिमालयी नदियों का उद्गम मुहाने से अधिक दूर है, जबकि अधिकतर प्रायद्वीपीय भारत के पठार की नदियाँ छोटी हैं क्योंकि उनका उद्गम मुहाने से ज्यादा दूर नहीं है।
हिमालय से निकलने वाली भारत की सबसे लम्बी नदी गंगा नदी की लम्बाई 2525 किमी० है, जबकि प्रायद्वीपीय भारत से निकलने वाली दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी गोदावरी नदी है, जिसकी लम्बाई 1465 किमी०है ।
(4) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ वर्षवाहिनी हैं, अर्थात् हिमालयी नदियों में वर्षभर जल प्रवाहित होता रहता है, क्योंकि हिमालयी नदियों के जल के दो स्रोत हैं-
१.ग्लेशियर
२. वर्षाजल
हिमालय की अधिकाँश चोटियाँ 6000 मीटर से भी ऊँची हैं, जबकि वायुमंडल में हिमरेखा की ऊँचाई लगभग 4400 मीटर होती है।
हिमालय की जो चोटी हिमरेखा के ऊपर होती है वो वर्षभर बर्फ से आच्छादित रहती है।
वास्तव में हिमालय में पाये जाने वाले ग्लेशियर का जल ही हिमालय की नदियों का मुख्य स्रोत है।
जबकि प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ वर्षा वाहिनी न होकर मौसमी हैं, अर्थात् वर्ष के कुछ महीने ही जल की मात्रा बनी रहती है,अन्य महीनों में या तो जल कम हो जाता है या सूख जाता है।
प्रायद्वीपीय नदियों को केवल वर्षा के जल पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
हिमरेखा की औसत ऊँचाई 4400 मीटर है, जबकि प्रायद्वीपीय भारत के पठार की औसत ऊँचाई 800 मीटर ही है।
इसका तात्पर्य यह है कि प्रायद्वीपीय भारत के पठार पर ग्लेशियर नहीं मिलते हैं।
नदियों की तीन अवस्थाएँ होती हैं :-
(1) युवावस्था
(2) प्रौढावस्था
(3) वृद्धावस्था
Bharat ki Nadiya Questions and Answers
Q.दामोदर नदी निकलती है?-छोटानागपुर पठार से
Q.नागार्जुन सागर बाँध भारत के किस राज्य में स्थित है?-आन्ध्र प्रदेश
Q.हिमालय पार की नदियाँ है?-ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज
Q.अलमाटी बाँध किस नदी व राज्य में है?- कृष्णा – कर्नाटक
Q.नदियों की लम्बाई का सही अवरोही क्रम कौन सा है?-ब्रह्मपुत्र-गंगा-गोदावरी-नर्मदा
Q.मेट्टूर बाँध किस नदी पर बांधा गया है?-कावेरी
Q.भारत की वृहत्तम नदी कौन है?-गंगा
Q.मैथान, बाल पहाड़ी एवं तिलैया बाँध किस नदी पर बनाये गये हैं?-बराकर
Q.गंगा नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है?-पद्मा
Q.गांधी नगर, जवाहर सागर तथा राणा प्रताप सागर बाँध किस नदी पर निर्मित है?-चम्बल
Q.गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त जलधारा किस नाम से जानी जाती है?-मेघना
Q.थीन बाँध किस नदी पर बनाया गया है?- रावी नदी
Q.भारत की सबसे अधिक नौगम्य दो नदियाँ है?-गंगा और ब्रह्मपुत्र
Q.हीराकुंड बाँध किस नदी पर स्थित है?-महानदी
Q.किस नदी पर सबसे लम्बा सडक सेतु है?-गंगा
Q.अल्माटी बाँध किस नदी पर स्थित है?-कृष्णा
Q.सुंदर वन का डेल्टा कौन सी नदी बनाती है?-गंगा-ब्रह्मपुत्र
Q.कोयना बाँध स्थित है?-महाराष्ट्र में
Q.गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का उद्गम स्थान क्रमश: स्थित है?-उत्तराखंड तथा तिब्बत में
Q.मेट्टूर बाँध अवस्थित है?-तमिलनाडु में
Q.मानस किस नदी की उपनदी है?-ब्रह्मपुत्र
Q. कौन सी नदी का उद्गम भारत में नहीं है?-ब्रह्मपुत्र
Q.रानी लक्ष्मी बाई बाँध अवस्थित है?-बेतवा नदी पर
Q.तिब्बत में बहने वाली नदी सांगपो निम्नलिखित में से किससे होकर भारत में प्रवेश करती है?-अरुणाचल प्रदेश
Q.हीराकुंड बाँध किस राज्य में स्थित है?-ओड़िशा
Q.सिन्धु नदी की लम्बाई उतनी ही है जितनी की ब्रह्मपुत्र की। यह लम्बाई कितनी है?-2900 किमी.
Q.सलाल बाँध निम्नलिखित नदियों में से किस पर बनाया गया है?-चेनाब
Q.तिब्बत में मानसरोवर झील के पास किस नदी का उद्गम स्त्रोत स्थित है?-इनमें से सभी
Q.टिहरी बाँध निम्नलिखित में से किन दो नदियों के संगम पर स्थित है?-भागीरथी व भीलांगना
Q.विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप ‘माजुली’ का निर्माण करने वाली नदी हैं?- ब्रह्मपुत्र
Q.भारत में सबसे लम्बा बाँध है?-हीराकुंड बाँध
Q.कौन सी नदी दक्षिण से उत्तर की ओर प्रवाहित होती है?-बेतवा
Q.भारत का सबसे ऊंचा नदी बाँध कौन सा है?- टिहरी बाँध
Q.किस नदी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है?-कोसी
Q.पंजाब के निर्माण में सबस महत्त्वपूर्ण नदी कौन सी है?-सिन्धु
Q.कौन एक ‘विनाशक नदी’ कहलाती है?-कोसी
Q.भारत में सबसे बड़ा नदी मुख किस नदी के मुख पर है?-हुगली
Q.कौन नदी ‘बंगाल का शोक’ कहलाती है?-हुगली
Q.अपने मार्ग में परिवर्तन करने के लिए कुख्यात है?- कोसी
Q.वे दो प्रमुख नदियाँ कौन सी है जो अमरकंटक पठार से निकलती है परन्तु वे अलग-अलग दिशाओं में बहती हैं?- नर्मदा और सोन
Q.नदियों को जोड़ने की योजना का प्रस्ताव किसके शासन काल में रखा गया था?-राजग सरकार
Q.तवा किसकी सहायक नदी है?-नर्मदा
Q.भारत में सबसे ऊँची ज्वारीय ज्वारभित्ति वाली नदी कौन सी है?-हुगली
Q.कौन सी नदी प्रारम्भ में अरुण नदी के नाम से जानी जाती है?-कोसी
Q.कौन दो पर्वत श्रेणियों के बीच बहती है?-नर्मदा
Q.किस नदी को ‘उड़ीसा का शोक’ कहा जाता है?-महानदी
Q.गोदावरी नदी कहाँ से होकर बहती है?-महाराष्ट्र व आन्ध्र प्रदेश
Q.इंदौर के समीप स्थित जनापाव पहाड़ी स्त्रोत है?-चम्बल नदी का
Q.सिन्धु नदी का उद्गम स्थल है?-मानसरोवर झील
Q.भारत की लवण नदी के नाम से जानी जाती है?-लूनी
Q.सुंदरवन डेल्टा का निर्माण करने वाली नदियाँ है?- गंगा और ब्रम्हपुत्र
Q.कौन सी नदी भेड़ाघाट के समीप कपिलधारा जलप्रपात का निर्माण करती है- नर्मदा
Q.भागीरथी और अलकनंदा गंगा में कहां पर मिलती है?- देव प्रयाग
Q.कौन सी नदी ज्वारनदमुख का निर्माण करती है?- नर्मदा
Q.भारत में डेल्टा बनाने वाली नदियाँ है?-कावेरी, गंगा, महानदी
Q.नर्मदा नदी का अधिकाँश भाग भारत के किस राज्य में बहता है?-मध्य प्रदेश
Q.कौन सी नदी एश्चुअरी नहीं बनाती है?-महानदी
Q.कौन सी नदी कच्छ के रण में समाहित होती है?- लूनी
Q.कौन सी नदी डेल्टा नहीं बनाती है?-ताप्ती
Q.क्षिप्रा नदी किसकी सहायक नदी है?-चम्बल
Q.किसका उद्गम भारत में नहीं है?- सतलज
Q.कौन सी नदी अमरकंटक के पठार से नहीं निकलती है?- गोदावरी
Q.वह नदी कौन सी है जिसका उद्गम भारतीय क्षेत्र में नहीं है?-ब्रह्मपुत्र
Q.महानदी, नर्मदा तथा सोन नदियाँ कहाँ से निकलती है?-अमरकंटक पहाड़ी से
Q.वह नदी कौन सी है जिसका उद्गम भारतीय राज्य क्षेत्र में नहीं है?-घाघरा
Q.कौन ज्वारनदमुख का निर्माण करती है?- नर्मदा एवं तापी
Q.प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन सी है?-गोदावरी
Q.कौन सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है?-नर्मदा
Q.वह नदी कौन सी है जो एक विभ्रंश-घाटी (Rift Valley) से होकर बहती है?-नर्मदा
Q.दक्षिण भारत के पठारी प्रदेश को कौन सी नदी दो भागों में विभाजित करती है?- नर्मदा
Q.हिमालय काटकर एवं बहकर आने वाली नदियाँ हैं?-ब्रह्मपुत्र, सतलज, सिन्धु
Q.दक्षिण भारत की नदियों में सबसे लम्बी नदी है?- गोदावरी
Q.किस नदी को ‘वृद्ध गंगा’ के नाम से जाना जाता है?- गोदावरी
Q.कौन सी नदी भ्रंश द्रोणी से होकर बहती है?-नर्मदा
Q.भूमिबन्धित नदी है?-लूनी
Q.मानस किस नदी की उपनदी है?-ब्रह्मपुत्र
Q.गोदावरी नदी का उद्गम स्थल है?-त्रयंबक गाँव
*भारत का सबसे ऊंचा बांध टिहरी बांध है, जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है*
*टिहरी बांध उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर स्थित है*
*भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविंद बल्लभ पंत सागर है, जो रिहंद बांध का जल क्षेत्र है*
*भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध है*
*हीराकुंड बांध उड़ीसा के संबलपुर जिले में महानदी पर स्थित है*
*मुख्य हिराकुंड बांध 4.8 किलोमीटर और कुल 25.79 किलोमीटर लंबा है*
*भाखड़ा और नांगल दो अलग-अलग बांध है*
*भाखड़ा बांध हिमाचल प्रदेश में स्थित है*
*नांगल उससे नीचे की ओर पंजाब में स्थित है*
*यह दोनों बांध सतलज नदी पर स्थित है*
*नागार्जुन सागर बांध मिट्टी से बना हुआ भारत का सबसे बड़ा बांध है , यह तेलंगाना में स्थित है*
*आर्क आकार का भारत का सबसे बड़ा बांध (Biggest Arch Dam Of India) इडुक्की बांध है, जो केरल में स्थित है*
*प्रमुख बांधों में भारत का सबसे पुराना बांध तमिलनाडु में कावेरी नदी पर कलनई बांध है*
भारत के प्रमुख बांध सूची | List Of Dams Of India
बांध-परियोजना | नदी का नाम | राज्य का नाम |
रिहंद बांध | रिहंद नदी | उत्तर प्रदेश |
रानी लक्ष्मीबाई (राजघाट बांध) | बेतवा नदी | उत्तर प्रदेश |
माताटीला बांध | बेतवा नदी | उत्तर प्रदेश |
मैथन बांध | बराकर नदी | झारखंड |
तिलैया बांध | बराकर नदी | झारखंड |
टिहरी बांध | भागीरथी नदी | उत्तराखंड |
हीराकुंड बांध | महानदी | उड़ीसा |
सरदार सरोवर बांध | नर्मदा नदी | गुजरात |
फरक्का बांध परियोजना | हुगली नदी | पश्चिम बंगाल |
उरी बांध | झेलम नदी | जम्मू कश्मीर |
दुलहस्ते बांध | चिनाब नदी | जम्मू कश्मीर |
सलाल बांध परियोजना | चिनाब नदी | जम्मू कश्मीर |
बगलिहार बांध | चिनाब नदी | जम्मू कश्मीर |
रणजीत सागर बांध (थीन बांध) | रावी नदी | जम्मू-कश्मीर और पंजाब |
पंचेत बांध | दामोदर नदी | झारखंड |
मयूराक्षी बांध परियोजना | मयूराक्षी नदी | पश्चिम बंगाल |
बीसलपुर बांध | बनास नदी | राजस्थान |
माही बजाज सागर | माही नदी | राजस्थान |
राणा प्रताप सागर बांध | चंबल नदी | राजस्थान |
जवाहर सागर बांध | चंबल नदी | राजस्थान |
भाखड़ा नांगल बांध | सतलज नदी | हिमाचल प्रदेश और पंजाब |
पोंग बांध | व्यास नदी | हिमाचल प्रदेश |
नाथपा झाकड़ी बांध | सतलज नदी | हिमाचल प्रदेश |
धौलीगंगा बांध | धौली गंगा नदी | उत्तराखंड |
श्रीशैलम बांध | कृष्णा नदी | आंध्र प्रदेश |
सोमासिला बांध | पेन्नार नदी | आंध्र प्रदेश |
इडुक्की बांध | पेरियार नदी | केरल |
मुल्लापेरियार बांध | पेरियार नदी | केरल |
बनसुरा सागर बांध | काबिनी नदी | केरल |
मेट्टूर बांध | कावेरी नदी | तमिलनाडु |
कल्लनाई बांध | कावेरी नदी | तमिलनाडु |
गांधी सागर बांध | चंबल नदी | मध्य प्रदेश |
इंदिरा सागर बांध | नर्मदा नदी | मध्य प्रदेश |
ओंकारेश्वर बांध परियोजना | नर्मदा नदी | मध्य प्रदेश |
उकाई बांध | तापी नदी | गुजरात |
काकरापार बांध | तापी नदी | गुजरात |
कोयना बांध | कोएना नदी | महाराष्ट्र |
उजनी बांध | भीमा नदी | महाराष्ट्र |
जायकवाडी बांध | गोदावरी नदी | महाराष्ट्र |
कृष्णा राजा सागर बांध | कावेरी नदी | कर्नाटक |
शिवसमुद्रम बांध परियोजना | कावेरी नदी | कर्नाटक |
अलमाटी बांध | कृष्णा नदी | कर्नाटक |
तुंगभद्रा बांध | तुंगभद्रा नदी | कर्नाटक |
नागार्जुन सागर बांध | कृष्णा नदी | तेलंगाना |
पोचमपाद बांध (श्रीराम सागर प्रोजेक्ट) | गोदावरी नदी | तेलंगाना |
बांधों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
सरदार सरोवर बांध कहां पर स्थित है ?
सरदार सरोवर बांध गुजरात राज्य में नर्मदा नदी पर केवड़िया में स्थित है | सरदार सरोवर बांध के पास में स्टेचू ऑफ यूनिटी (Statue Of Unity) भी स्थित है |
भारत का सबसे लंबा बांध कौन सा है ?
भारत का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध है, जोकि उड़ीसा के संबलपुर जिले में महानदी पर स्थित है |
भारत का सबसे ऊंचा बांध कौन सा है ?
उत्तराखंड राज्य में भागीरथी नदी पर स्थित टिहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है |
भारत का सबसे पुराना बांध कौन सा है ?
तमिलनाडु में कावेरी नदी पर स्थित कल्लनाई बांध भारत का सबसे पुराना बांध माना जाता है |
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